1. इन तैयारियों में गर्भाशय ग्रंथियों का विस्तार तथा श्लेष्मल झिल्ली ( 2. ऐसे पदार्थों के नाम हैं, जो खाए जाने पर श्लेष्मल झिल्ली ( 3. रज: स्राव के बाद श्लेष्मल झिल्ली की मरंमत और आगामी तैयारी प्रारंभ होती है। 4. रज: स्राव के बाद श्लेष्मल झिल्ली की मरंमत और आगामी तैयारी प्रारंभ होती है। 5. नहीं होता, तो श्लेष्मल झिल्ली में और भी परिवर्तन होते हैं और उत्तल परतें ( 6. प्रत्यूर्जताएलर्जी के सामान्य लक्षण हैं प्रभावित अंग लक्षण नाक के नासीय श्लेष्मल झिल्ली का सूजन प्रत्यूर्जनासाशोथ 7. पारदमिश्र जैसे एलर्जेन के संपर्क में आने के कारण श्लेष्मल झिल्ली में छाले उत्पन्न हो सकते हैं. 8. पारदमिश्र जैसे एलर्जेन के संपर्क में आने के कारण श्लेष्मल झिल्ली में छाले उत्पन्न हो सकते हैं. 9. पीलिया में बिलीरूबिन का स्तर बढ़ने से रंग बदलने वाले प्रथम ऊतकों में से एक है आंखों की श्लेष्मल झिल्ली . 10. हर व्यक्ति के गले में दो नरम मांस के लिज़लिजे टुकड़े होते हैं, जो श्लेष्मल झिल्ली से जुड़े होते हैं।